Major Dhyan Chand Khel Ratan Award 2021: मेजर ध्यानचंद बायोग्राफी इन हिंदी, 'हॉकी के जादूगर' की पूरी कहानी
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Major Dhyan Chand Khel Ratan Award 2021
मेजर ध्यानचंद का शुरूआती जीवन (Major Dhyan Chand Birthday) मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को
इलाहाबाद (Major Dhyan
Chand Birthday) के एक राजपूत परिवार
में हुआ था। उनके छोटे भाई रूप सिंह भी भारत की ओर से हॉकी खेल चुके हैं। ध्यानचंद
जी के पिता का नाम रामेश्वर सिंह और मां का नाम
शारदा था। ध्यानचंद के पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और उन्होंने सेना के लिए हॉकी खेली थी। ध्यानचंद
के दो भाई थे- मूल सिंह और रूप सिंह। सेना में
होने के कारण ध्यानचंद के पिता के पोस्टिंग की वजह
से परिवार को विभिन्न शहरों में जाना पड़ा।
Major Dhyan Chand Army Rank
बाद में उनका परिवार आखिरकार झांसी (उत्तर प्रदेश) में आ गया। ध्यानचंद ने 1932 में विक्टोरिया
कॉलेज, ग्वालियर से ग्रेजुएशन किया। ध्यानचंद का शुरू में खेलों के प्रति कोई खास झुकाव नहीं था, हालांकि उनको कुश्ती खेलना पसंद था।
लंबे समय तक सेना से जुड़े रहे मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand Birthday) 29 अगस्त 1922 को उनके
17वें जन्मदिन पर मेजर ध्यानचंद को ब्रिटिश भारतीय
सेना में शामिल किया गया। मेजर ध्यानचंद को अंततः भारतीय सेना टीम के लिए चुना गया
जो न्यूजीलैंड दौरे के लिए थी। टीम ने इस दौरे पर शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 मैच जीते और 2 मैच ड्रा रहे और केवल एक
मैच में हार का सामना करना पड़ा। भारत लौटकर मेजर ध्यानचंद को 1927 में लांस नायक के रूप में प्रमोट किया गया था।
आखिर में मेजर ध्यानचंद 1956
में मेजर के पोस्ट से रिटायर हुए।
ध्यानचंद 1922 से 1956 तक सेना
से जुड़े रहे।
Major Dhyan Chand Birthday
मेजर ध्यानचंद की कुछ यादगार उपलब्धि (Major Dhyan Chand Birthday) उनकी जीवनी 'गोल' के अनुसार मेजर
ध्यानचंद ने अपने 22 वर्षों में करियर में 185 मैचों में 570 गोल
किए। मेजर ध्यानचंद ने 1928
एम्स्टर्डम ओलंपिक में 14 गोल किए। इस ओलंपिक में उन्होंने सबसे ज्यादा गोल
करने का रिकॉर्ड भी बनाया था। 1932 में खेले गए ओलंपिक
में मेजर ध्यानचंद ने 8 गोल के साथ दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले
खिलाड़ी रहे थे। मेजर ध्यानचंद ने टीम की अगुवाई करते हुए 1928, 1932 और 1936 में
लगातार तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। ध्यानचंद जब 40 वर्ष के थे, तब भी उन्होंने 22 मैचों में 68 गोल
किया था।
मेजर ध्यानचंद का करियर (Major Dhyan Chand Birthday) मेजर ध्यानचंद को 1928 के ग्रीष्म ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए
चुना गया था। भारत ने इस ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण पदक जीता और ध्यानचंद ने फाइनल
मैच में दो गोल किए। उन्होंने 1936 के समर ओलंपिक फाइनल
में भी भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया।
National Sports Day 2021
Major Dhyan Chand Khel Ratan Award 2021
मेजर ध्यानचंद के सम्मान में नरेंदर मोदी
सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार 2021 (Rajiv Gandhi Khel Ratan Award
2021) का नामकरण मेजर ध्यानचंद खेल रत्न
पुरस्कार 2021 (Major Dhyan Chand Khel Ratan Award 2021) कर दिया। इस सम्मान का नामकरण मेजर ध्यानचंद के नाम पर होना देश और
खिलाडियों के लिए सम्मान की बात है।
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